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अमेरिकी एजेंसी सीआईए की नई रिपोर्ट, फिर शुरू हुई कोविड की उत्पत्ति पर बहस

शनिवार 25 जनवरी को जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक सीआईए मानता है कि वायरस के किसी प्रयोगशाला में उत्पत्ति होने की सबसे ज्यादा संभावना है. रिपोर्ट में चीन की तरफ इशारा किया गया है. हालांकि यह भी माना गया है कि खुद सीआईए को ही अपने निष्कर्ष पर “कम भरोसा” है.

यह निष्कर्ष किसी नई जानकारी का नतीजा नहीं है और इस रिपोर्ट को बाइडेन प्रशासन और सीआईए के पूर्व निदेशक विलियम बर्न्स के कहने पर ही पूरा किया गया था. लेकिन अभी तक गुप्त रही इस रिपोर्ट को ट्रंप प्रशासन में एजेंसी के नए निदेशक जॉन रैटक्लिफ के आदेश पर शनिवार को सार्वजनिक कर दिया गया.

ऐसा नहीं लग रहा है कि नई रिपोर्ट इस बहस को खत्म कर पाएगी. बल्कि इंटेलिजेंस अधिकारियों का कहना है कि चीनी अधिकारियों के सहयोग की कमी की वजह से हो सकता है यह बहस कभी खत्म ना हो.

कोविड पर दो साल चली अमेरिकी जांच

अपने नए रिपोर्ट के बारे में दिए गए एक बयान में एजेंसी ने कहा कि वह इस बात का “अभी भी आकलन कर रही है कि कोविड-19 महामारी के शोध-संबंधित और प्राकृतिक शुरुआत दोनों ही तरह की उत्पत्ति संभव है.”

यह निष्कर्ष नए सबूत की जगह वायरस के प्रसार, उसके वैज्ञानिक गुण और चीन की विषाणु विज्ञान प्रयोगशालाओं के काम और हालात के बारे में जानकारी की ताजी समीक्षा पर आधारित है.

अमेरिकी सांसदों ने खुफिया एजेंसियों पर वायरस की उत्पत्ति को लेकर और जानकारी हासिल करने का दबाव डाला है. अमेरिका के अर्कांसस राज्य से रिपब्लिकन सांसद और सीनेट इंटेलिजेंस समिति के अध्यक्ष टॉम कॉटन ने शनिवार को कहा कि वो “खुश हैं कि बाइडेन प्रशासन के अंतिम दिनों में सीआईए ने यह निष्कर्ष दे दिया कि लैब-लीक थ्योरी के सही होने की सबसे ज्यादा संभावना  है.

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